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पूर्ववर्ती सरकार ने उच्च न्यायालय के बहाने तथा वर्तमान सरकार की चुप्पी समझ से परे ।




48 से 0% पर कैसे पहुंचा छत्तीसगढ़ ।


पूर्ववर्ती सरकार ने उच्च न्यायालय के बहाने  तथा वर्तमान सरकार  की चुप्पी   समझ से परे ।


 राज्य के अनुसूचित जाति जनजाति हो जाएंगे प्रतिनिधित्व से वंचित  l


माननीय सुप्रीम /हाई कोर्ट के आदेश का नहीं हो रहा पालन l


       , राज्य निर्माण से लेकर , जनगणना के आधार पर अनुसूचित जाति की संख्या 16%  तथा अनुसूचित जनजाति की  32% आबादी दर्ज रहा है राज्य में आरक्षण की स्थिति कुल 48% थी जो वर्तमान में 45%हैं ।सीधी भर्ती के साथ  पदोन्नति में भी लागू करने नई अधिसूचना छत्तीसगढ़ सरकार ने 2012 में जारी किया । छत्तीसगढ़ लोकसेवा पदोन्नति नियम 2003 के नियम पांच में कंडिका  स्थापित कर पदोन्नति में आरक्षण दी गई ।

 2019 में यह प्रकरण हाईकोर्ट बिलासपुर में दायर हुई और नियम 5 को स्थगित कर  दिया गया । इसके बाद से अभी तक पदोन्नति में आरक्षण नहीं मिलने के कारण 45% अनुसूचित जाति ,जनजाति को प्रतिनिधित्व से वंचित होना पड़ा  जिला अध्यक्ष आसकरण सिंह धुर्वे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि 

      पूर्ववर्ती सरकार ने बड़ी चालाकी से वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति देने प्रशासन में मानव बल की कमी  बताकर वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति देने की बात मनवा  ली।और राज्य में धड़ल्ले से हजारों पदों पर पदोन्नति दे दी उक्त पदोन्नति में  अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को पदोन्नति में आरक्षण से वंचित होना पड़ा ,हजारों पदों की पदोन्नति में एक भी पद पर आरक्षण नहीं मिला। माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर ने  16/ 4 /2024 को पदोन्नति में आरक्षण को निरस्त कर निर्णय पारित कर सरकार को नए नियम बनाने की अनुमति दी  परंतु  छत्तीसगढ़ सरकार के   6 माह के कार्यकाल में उक्त नियम बनाने या  उस प्रकरण में गति नहीं दिखाई दे रहा जिसके कारण हजारों पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही शुरू हो चुकी है और नियम के अभाव में पुनः अनुसूचित जाति जनजाति को पदोन्नति से वंचित होना पड़ेगा l

  ज्ञात हो कि पदोन्नति मे वरिष्ठता का निर्धारण सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन के 1965 नियम 12 के कंडिका क  तहत सीधी भर्ती में चयनित क्रम  को ही वरिष्ठता क्रम मानी जाती है ,जिसके तहत सर्वप्रथम अनारक्षित पद ईडब्ल्यूएस ,ओबीसी, अनुसूचित जाति और अंत में अनुसूचित जनजाति का नाम शामिल होता है ,वर्तमान में  वरिष्ठता के आधार पर छत्तीसगढ़ शासन जिस तरह से पदोन्नति देने के लिए बेसब्री से काम कर रही है और अगर लागू हो जाती है तो अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति को आजीवन पदोन्नति नहीं मिलेगी lक्योंकि इनकी नियुक्ति सबसे अंत आखरी में होती हैं।

     संगठन ने  सरकार से मांग की है कि  शीघ्र ही पदोन्नति में आरक्षण देने संबंधी अधिसूचना , नियम बनाये तत्पश्चात पदोन्नति देने की कार्यवाही करें।


भवदीय 

आसकरण सिंह धुर्वे 

 (जिला अध्यक्ष )

छ ग अनुसूचित जन जाति शासकीय सेवक विकास संघ जिला इकाई कबीरधाम

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