बाल देवो भवः सूत्र वाक्य के साथ दुर्ग संभाग में शिक्षा गुणवत्ता अभियान को नई दिशा
मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान 2025 : कबीरधाम-बेमेतरा के अधिकारियों की संयुक्त बैठक, बच्चों के सम्मान को केन्द्र में रखकर बनेगी रणनीति
कवर्धा, 08 सितंबर 2025। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान 2025 का संचालन किया जा रहा है। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा के मार्गदर्शन में आज शासकीय पी.जी. कॉलेज ऑडिटोरियम कवर्धा में कबीरधाम एवं बेमेतरा जिले की संयुक्त बैठक आयोजित की गई। बैठक संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग दुर्ग श्री हेमंत उपाध्याय की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में दोनों जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक संचालक, सहायक जिला परियोजना अधिकारी, जिला मिशन समन्वयक, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक, हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों के प्राचार्य तथा संकुल समन्वयक शामिल हुए। इस अवसर पर लगभग 700 अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। बैठक में बाल देवो भवः बच्चों का सम्मान ही समाज की सच्ची प्रगति का आधार है। सूत्र वाक्य को केन्द्र बिन्दु के रूप में स्वीकार किया गया। इस भावना को आत्मसात करते हुए संभाग के प्रत्येक विद्यालय में 13 सितम्बर तक यह सूत्र वाक्य अंकित करने के निर्देश दिए गए। श्री उपाध्याय ने कहा कि शिक्षण कार्य को ईश्वरोपासना की तरह चरितार्थ किया जाए और अध्यापन में बच्चों को सर्वोपरि स्थान दिया जाए।
संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग दुर्ग श्री उपाध्याय ने बताया कि विद्यालय का प्रशासनिक संचालन, समयबद्ध परीक्षा आयोजन, शिक्षक-छात्र संबंधों का विकास तथा अभिभावकों एवं स्थानीय लोगों से सतत् संवाद बनाए रखना प्राचार्य की जिम्मेदारी होगी। इससे विद्यालयों की गतिविधियों में पारदर्शिता आएगी और अभिभावकों का विश्वास बढ़ेगा। प्रार्थना सभा को रोचक एवं ज्ञानवर्धक बनाने, शैक्षिक दैनंदिनी का नियमित संधारण करने तथा शिक्षण कार्य का निरीक्षण एवं प्रविष्टि करने के निर्देश भी सभी संस्था प्रमुखों को दिए गए।
बैठक में सघन एवं सतत् मॉनिटरिंग व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया गया। इसके अंतर्गत प्रत्येक संकुल समन्वयक, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी सप्ताह में न्यूनतम 03 दिन में कम से कम 02-02 विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण के दौरान शिक्षकों की उपस्थिति, अध्यापन की तैयारी, विद्यार्थियों की उपस्थिति एवं सहभागिता, विद्यालय परिसर की स्वच्छता, मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता एवं शिक्षण सामग्री की उपलब्धता की समीक्षा की जाएगी। कमजोर विद्यार्थियों के लिए विशेष कक्षाएं तथा अतिरिक्त सहयोग एवं परामर्श उपलब्ध कराया जाएगा। प्रत्येक निरीक्षण का प्रतिवेदन संबंधित व्हाट्सएप ग्रुप में भेजा जाएगा, जिसका परीक्षण एवं ग्रेडिंग ब्लॉक, जिला एवं संभाग स्तर पर किया जाएगा। डी ग्रेड प्राप्त प्रतिवेदनों पर अधिकारियों को सुधारात्मक कदम उठाने होंगे।
बैठक में संयुक्त संचालक श्री उपाध्याय ने स्पष्ट किया कि शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए लक्ष्य “एक दुर्ग संभाग श्रेष्ठ” रखना होगा। उन्होंने कहा कि सतत् मॉनिटरिंग एवं समीक्षा से ही बच्चों की समस्याओं की पहचान समय रहते संभव हो पाएगी और उन्हें सही मार्गदर्शन मिल सकेगा। बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि सभी प्राचार्य एवं आहरण संवितरण अधिकारी अपने अधीनस्थ शिक्षकों के मानदेय का भुगतान त्वरित रूप से सुनिश्चित करें। कार्यक्रम के समापन अवसर पर उपस्थित अधिकारियों-कर्मचारियों ने दुर्ग संभाग को शिक्षा गुणवत्ता में उत्कृष्ट बनाने का संकल्प लिया।
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