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चारागाह विकास संबंधी कार्यशाला संपन्न

 




क्रमांक 24/2025 दिनांक 04.06.2025


चारागाह विकास संबंधी कार्यशाला संपन्न 




दिनांक 4 जून 2025 को भोरमदेव परिक्षेत्र अंतर्गत जमुनापानी उपपरिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 104 में विश्व पर्यावरण दिवस एवं एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर चारागाह विकास के संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

      



  वनमण्डलाधिकारी, कवर्धा से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त कार्यशाला में भोरमदेव परिक्षेत्र के निकटतम गांव के जनप्रतिनिधि, चिल्फी एवं भोरमदेव अभ्यारण के मैदानी अमला उपस्थित रहे। प्रशिक्षण के दौरान अभ्यारण अंतर्गत निवास करने वाले वन्यजीवों हेतु खाद्य चारागाह के विकास हेतु बीजों के छिड़काव की विधि का विस्तृत वर्णन एवं फील्ड डेमोंसट्रेशन किया गया। प्रशिक्षण में बताया गया कि वर्ष के सितंबर से दिसंबर के महीने तक खाद्य घासो के बीजों का संग्रहण वन अमले के द्वारा किया जाता है और जून जुलाई के महीने में सामान्य जुताई कर इन बीजों को गोबर खाद रेत और मिट्टी के साथ उचित मात्रा में मिलाकर रिक्त क्षेत्रों में फैलाया जाता है. जिससे वर्षा ऋतु के दौरान इन बीजों का अंकुरण होने से वन्य जीवों हेतु चारागाह का निर्माण हो पाता है।

 



 चारागाह  विकास एक अत्यंत आवश्यक कार्य है क्योंकि जंगल के भीतर चारागाह के उपलब्ध होने पर हुमन एनिमल कनफ्लिक्ट को कम किया जा सकता है साथ ही साथ वन्य जीवन हेतु बेहतर खाद्य घासों की उपलब्धता बढ़ाई जा सकती है जिससे उनकी जनसंख्या अभ्यारण क्षेत्र में बढ़ सकती है। इस हेतु वन अमला लगातार प्रयास कर रहा है साथ ही साथ गांव के लोगों को भी जागरूक कर रहा है कि वे अपने घरेलू पशुओं को जंगल क्षेत्र में ना चरायें. ग्रामीणों द्वारा भी वन विभाग के सहयोग हेतु आश्वासन दिया गया है जिससे वन्य प्राणियों की आबादी में वृद्धि हो सके और जैव विविधता को बरकरार रखा जा सके।

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