भोरमदेव महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दीप प्रज्जवलित कर वैदिक मंत्रोचार के साथ हुआ विधिवत शुभारंभ
कवर्धा, 31 मार्च 2022। सतपुड़ा पर्वत की मैकल पहाडी श्रृखलाओं से घिरे सुरम्यवादियों में स्थिति ऐतिहासिक भोरमदेव मंदिर के प्रांगण में वर्षो से आयोजित हो रहे भोरमदेव महोत्सव की परंपरा को कायम रखने जिला प्रशासन द्वारा दो दिवसीय भोरमदेव महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दीप प्रज्जवलित कर वैदिक मंत्रोचार के साथ भगवान भोरमदेव की पूजा अर्चना कर विधिवत शुभारंभ हुआ। शुभारंभ अवसर पर कबीरधाम जिले के प्रसिद्ध मंदिरों और आदिवासी बैगा समाज के पुजारी विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर मंच पर मां विन्ध्यवासिनी मंदिर के पुजारी श्री जीवन शर्मा, बुढ़ा महादेव मंदिर के पुजारी श्री मनहरण दुबे, मां दन्तेश्वरी मंदिर के पुजारी श्री अजय राजपूत, मां चण्डी मंदिर के पुजारी श्री तिहारी चन्द्रवंशी, श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर के पुजारी श्री चन्द्रकिरण तिवारी, मां शीतला मंदिर सहसपुर लोहारा के पुजारी श्री बीएन शुक्ला, कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा, पुलिस अधीक्षक डा.ॅ लाल उमेंद सिंह, डीएफओं श्री चुनामणी सिंह, जिला पंचायत सीईओं श्री संदीप कुमार अग्रवाल उपस्थित थे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ करते हुए समस्त पुजारियों ने महोत्सव में विशेष रूप से आमंत्रित करने पर महोत्सव के आयोजक भोरमदेव सनातन तीर्थ ट्रस्ट, जिला प्रशासन तथा सरकार के प्रति अभार व्यक्त किया। उन्होंने इस परम्परा को महोत्सव के अनुरूप बताते हुए कहा कि यह पहला अवसर है जब महोत्सव में विशेष अतिथि के रूप में शामिल किया गया है। इस परम्परा की सभी ने स्वागत भी किया। कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा ने विशेष अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए भोरमदेव महोत्सव की आरंभ से लेकर वर्तमान दौर तक पूरी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भोरमदेव मंदिर छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक, पुरातात्विक, पर्यटन और जन आस्था के रूप में ऐतिहासिक महत्व का स्थल है। इस मंदिर की ख्याति देश के अलग-अलग राज्यों तक फैली हुई है। यहां साल भर विदेशी, देशी तथा घरेलु पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं के रूप में आना होता है। बाबा भोरमदेव मंदिर में प्रत्येक वर्ष होली के बाद कृष्णपक्ष के तेरस और चौदस को महोत्सव मानाने की यहां परम्परा रही है। साथ में सावन मास में मंदिर में विशेष पूजा अर्चना भी की जाती है। यहां सावन माह में मेले का आयोजन भी होता है जिसमें देशी तथा घरेलु पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं के रूप में शामिल होते है। कलेक्टर ने ऐतिहासिक महत्व स्थल भोरमदेव मंदिर की भव्यता और उसके महत्व को बनाए रखने के लिए राज्य शासन के पुरातत्व विभाग और जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की पूरी जानकारी भी दी। कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा महोत्सव के समस्त विशेष अतिथियों को प्रतीक चिन्ह, शॉल-श्रीफल भेंटकर सम्मानित भी किया।
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