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कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा प्रक्षेत्र दिवस का किया गया आयोजन


कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा प्रक्षेत्र दिवस का किया गया आयोजन

कवर्धा, 17 मार्च 2022। कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा 16 मार्च को ग्राम सलिहा विकासखण्ड-स.लोहारा में राष्ट्रीय दलहन मिशन अन्तर्गत एवं अखिल भारतीय समन्वित मृदा परीक्षण फसल अनुक्रिया सहसंबंध परियोजना के आदिवासी उपयोजना के तहत मृदा परीक्षण आधारित संतुलित उर्वरक उपयोग पर चना का समूह फसल प्रदर्शन कार्यक्रम लिया गया है जिसके तहत ग्राम सलिहा में फसल चना किस्म आरवीजी 202 का प्रदर्शन दिया गया है जिसका उदे्दश्य जिले में दलहन फसल के रकबे एवं पैदावार को बढ़ावा देना है। प्रक्षेत्र दिवस में चना उत्पादन तकनिकी जैसे उन्नत किस्म के बीज एवं सम्पूर्ण फसल सुरक्षा की जानकारी किसानो को दी गई साथ ही कबीरधाम जिलें के प्रमुख फसलें धान, सोयाबीन, गन्ना एवं चना उत्पादन तकनीकी के बारे में किसानों को अवगत कराया गया।
प्रक्षेत्र दिवस के अवसर पर डॉ. अनिल कुमार कोडस्थाने, विभागाध्यक्ष, पौध रोग विभाग, इं.गां.कृ.वि.रायपुर द्वारा चने के फसल में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेन्टर, बाम्बे द्वारा उत्पादित म्यूटेन्ट ट्राइकोडर्मा कल्चर के चना फसल मे उपयोग पश्चात् फसल की स्थिति एवं उत्पादन का आंकलन किया गया। जो कि कृषकों की उपज बढ़ाने में काफी उपयोगी साबित हुई। उन्होने कहा कि ट्राइकोडर्मा एक जैविक फफूंदनाशक है, जिसके उपयोग से चने की प्रमुख बिमारी, कॉलर रॉट, जड़ सड़न जैसे विकट बिमारियों का प्रबंधन किया जा सकता है। कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. बी.पी. त्रिपाठी ने चना में लगने वाले प्रमुख रोग एवं कीट का समन्वित प्रबंधन पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी एवं दलहन एवं तिलहन फसल को बढ़ावा देने हेतु अच्छे बीज एवं उन्नत तकनीकी किसानो को बताई। वैज्ञानिक डॉ. राजेश्वरी साहू ने उन्नत किस्म के बीज एवं उर्वरक प्रबंधन की जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम चंदैनी एवं सलिहा के 100 से अधिक किसानो द्वारा कृषकों के प्रक्षेत्र में लगे चने प्रक्षेत्र का भ्रमण एवं अवलोकन किया गया।  

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